उठो लाल अब आँखें खोलो - सोहनलाल द्विवेदी
https://youtu.be/omKZJK3VHWc
उठो लाल अब आँखें खोलो,
पानी लायी हूँ मुंह धो लो।
बीती रात कमल दल फूले,
उसके ऊपर भँवरे झूले।
चिड़िया चहक उठी पेड़ों पे,
बहने लगी हवा अति सुंदर।
नभ में प्यारी लाली छाई,
धरती ने प्यारी छवि पाई।
भोर हुई सूरज उग आया,
जल में पड़ी सुनहरी छाया।
नन्ही नन्ही किरणें आई,
फूल खिले कलियाँ मुस्काई।
इतना सुंदर समय मत खोओ,
मेरे प्यारे अब मत सोओ।
https://youtu.be/omKZJK3VHWc
पानी लायी हूँ मुंह धो लो।
बीती रात कमल दल फूले,
उसके ऊपर भँवरे झूले।
चिड़िया चहक उठी पेड़ों पे,
बहने लगी हवा अति सुंदर।
नभ में प्यारी लाली छाई,
धरती ने प्यारी छवि पाई।
भोर हुई सूरज उग आया,
जल में पड़ी सुनहरी छाया।
नन्ही नन्ही किरणें आई,
फूल खिले कलियाँ मुस्काई।
इतना सुंदर समय मत खोओ,
मेरे प्यारे अब मत सोओ।